Thursday, 24 June 2021

वो ज़िंदगी बचा के रखना



यें दूरी हैं दरमियाँ और मजबूरियाँ हैं बहुत  ,

तुमसे मिलने आनाएक ख़्वाब सा हुआ जाता है,

महज़ एक मुलाक़ात को दिल मायूस हुआ जाता है,

तुमहमारे मिलने की उमीद बना के रखना।

 

सुना है तुम्हारी तरफ़ मानसून का सुहाना मौसम है,

घने बादलों का रोमानी समा और दिलकश हवायें हैं,

तुम मेरे लिए वो समा उठा के रखना,

मेरे लिए कुछ बारिशें बचा के रखना।

 

अँधेरा हैतुम तक आने का पता नहीं कोई,

तलाश करते हुए अंधेरों मेंडर है खो जाने का,

मैं थक या हार जाऊँकभी मायूसी से,

तुममेरे लिए रोशनियाँ जला के रखना।

 

कैसे कह दू के ज़िंदगी के सफ़र में तुम हमसफ़र नहीं,

दिल की गहराईयों से तुमने भी साथ निभाया है,

वक़्त के साथ कभी फीका पड़ने लगे रिश्ता,

तुमवो रिश्ते की मीठस बचा के रखना।

 

कुछ ज़िंदगी के ख़वाब है जो सोने नहीं देते

कुछ दिल में बेचनियाँ हैंजो सकूँ नहीं लेने देतीं,

वो कुछ पल जोजी सकूँ साथ तुम्हारे

तुममेरे लिए वो ज़िंदगी बचा के रखना।




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