The Sufi traditions
described the seven stages of love as Dilkashi (Attraction), Uns
(Attachment), mohabbat (Love),akidat (Trust/Reverence), Ebadat (Worship),
Junoon (Madness) and Maut(Death).
मुहब्बतनामा
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मौत को, यू ही नहीं पा जाता है ईश्क,
जूनून से उलझा होगा,कोई बेबस, तंहा,
इबादत की होगी, किसी को ख़ुदा बनाकर,
अकीतद से उसकी, फिर कोई खेल गया होगा,
मुहब्बत का सफ़र, तुम असां ना समझ लेना,
उनस यू कभी, अजनबियों से हुअा करती नहीं,
दिलकशी मोहताज नहीं किसी ख़ास वज़ह की।
दिलकशी में यू दो रूहो का होता है टकराना,
उनस है जो बाँध देता है, अनदेखी डोरियो से,
मुहब्बत का अहसास, फिर छू के गुज़रता है उन्हें,
अकीदत की बुनियाद, गर हो दोनो के दरमियाँ,
ईबादत सा पाक, रूहानी ईश्क हुआ करता है,
जूनून ना हो दो दिलों में, तो क्या पाएगा मंजि़ल,
मौत में फना होके, ईश्क सदियों, जीया करता है।
मौत को चख़ना क्या होता है, कोई पूछे हमसे,
जूनून सा था, जो पा जाना चाहता था अंजाम,
ईबादत का शऊर सिखा गया कोई अपनी अजनबी,
अकीदत से बंध गए किसी की हम, यू ताउम्र के लिए,
मुहब्बत का एक अजब-सा नशा है, जो सर चढ़ गया,
उनस थी किसी की, जो बना गई, ग़ैर को अपना,
दिलकशी थी दिल की, जो दिल की लगी बन गई।
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