Tuesday 19 May 2015

जीने की सज़ा




मेरी अवारगी ये कहाँ ले आई, उल्फ़त से खाकर ठोकर, कहीं पनाह नहीं पाई,

उड़ने की खुआईश इस क़दर सवार थी, बुलंदियों से गिर के, ज़मीं ना पाई।


दिल हो गया मायूस बिछड़ कर उससे, मुहब्बत करके भी, हिस्से जो आई जुदाई,

मै भटकता रहा खलाओं में इस तरह, के दुनिया की भीड़ में भी, तंहाई ही पाई।


दिल की गहराइयों में अंधेरा है इतना, रोशनी ना मिली, जितनी भी लौ जलाई,

क्या खोया और पाया इसका हिसाब करेंगे ज़िंदगी, कभी जो तुझ से फ़ुर्सत पाई।


ये ख़ामोश तड़प, बेबसी और मेरा दिवानापन, किसने दी सदा, जो दी सुनाई,

सोज़--दिल कुछ तो ख़तावार तू ज़रूर होगा, जो  हमने यू जीने की सज़ा पाई।



Monday 18 May 2015

My Hidden Happiness





When I search my happiness, I always find that whenever you smile,
Your hearty laughter takes me to the cloud number nine,

I will never ever leave you in any ups and downs of your life,
I can pay anything, to see the way your eyes sparkle and shine,

Want to listen your voice all through life, your words are my lifeline, 
Your heartbeat is music of my life, as long as you are there I will be fine,

You are my love song, I sing in my solitude to feel good,
Like the blood that flows in my body dances and intoxicates me like wine,

We are tied with unseen thread, an emotion that could only  be felt,
It's heavenly pleasure when you say, you love me and will always be mine,

Sunday 17 May 2015

मैं खुद से जुदा




कुछ यू ही बेवजह नही होता दुनिया में, वो लम्हा तय होगा क़ुदरत की तरफ़ से, 

तेरा वो छम से जाना सामने, मेरा वो ठिटक कर रह जाना, हो के हैंरा-सा।


नाज़ुक तितली-सा वो हसीन लम्हा, ठहर ही गया होगा, रूबरू देखकर हमें,

हम-तुम मिले जिसमें, कुछ बातें फ़िज़ूल की, और महसूस करना मुहब्बत-सा।


मुमकिन है के हसीन हो तुम पहले से ही और मैं दिल फैंक, कुछ मस्तमौला,

पर मुहब्बत के बाद तुम और भी दिलकश लगी और मैं कुछ हो गया संजीदा-सा।


कुछ अपना सा खुद से ही बग़ावत कर बैठा, जो धड़कता था मेरे सीने में अपने,

ज़हन था की सिर्फ तुम्हारे ही खयालो में की गलियों में भटकता और गुमशुदा-सा।


सब कुछ ही दुनिया में मिल जाता तो खुआोईश--जन्नत ख़ाक किया करते लोग,

जन्नत के बदले माँग लूँगा तुझे, तू मुझ से जुदा, मैं खुद से जुदा, ज़िंदगी से ही ख़फ़ा-सा।